• karimadvocate@gmail.com
  • +91 9839027055

Multiple law for maintenance in India.

भारत में भरण-पोषण के एक से ज़्यादा कानून:-

       घरेलू रिश्तेंनातों को निभाने के लिए कुछ कानूनी जिम्मेदारियां भी निभानी पड़ती है। वृद्ध माता-पिता, पत्नी, अविवाहित बेटी, नाबालिग बच्चे और विधवा बहू के गुजारे-भत्ते के लिए भारत की संसद द्वारा समय समय पर महत्वपूर्ण कानून बनाये गए हैं।

भरण-पोषण के मायने क्या है?

भरण पोषण में भोजन, वस्त्र, आवास, शिक्षा और चिकित्सा उपचार की समुचित व्यवस्था करना शामिल होता है।

एक अविवाहित पुत्री को अपने पिता से शादी के लिए उचित खर्चे की मांग करना भी भरण पोषण में शामिल है। उपरोक्त व्यक्ति भरण पोषण की मांग तब कर सकते हैं जब ज़िम्मेदार व्यक्ति अपने का पालन न करे और उनका उल्लंघन करे।

अब चर्चा कर लेतें है भरण पोषण से सम्बंधित विभिन्न कानूनी प्राविधानों की।

क़- धारा-125 दण्ड प्रक्रिया संहिता

दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 125 के अन्तर्गत पर्याप्त साधनों वाले व्यक्ति से निम्नलिखित लोग अपने लिए गुजारे-भत्ते की मांग कर सकते है:-

1- पत्नी जो अपना भरण-पोषण करने में असमर्थ है, या

2- अवयस्क संतान, चाहे वह धर्मज या अधर्मज अथवा विवाहित हो या न हो जो अपना भरण-पोषण करने में असमर्थ हो।

3- धर्मज या अधर्मज सन्तान का (जो विवाहित पुत्री नही है), जिसने वयस्कता प्राप्त कर लो हो,

लेकिन वह सन्तान शारीरिक मानसिक दुर्बलता के कारण भरण पोषण करने में असमर्थ है; 

4- ऐसे अवयस्क विवाहित पुत्री जो अपने माता पिता से भरण पोषण प्राप्त करने में असमर्थ है; 

5- माता पिता जो अपना भरण पोषण करने में असमर्थ है।

स्पष्टीकरण- "पत्नी" के अंतर्गत ऐसी स्त्री भी शामिल है जिसके पति ने उससे विवाह विच्छेद कर लिया है या जिसने अपने पति से विवाह विच्छेद कर लिया है और जिसने पुनर्विवाह नही किया है। पत्नी का आशय उसी महिला से है जिसका वैधनिक रूप से विवाह हुआ हो।

ख- हिन्दू दत्तक और भरण पोषण कानून, 1956 ( धारा 18 से 23 )

हिन्दू दत्तक और भरण पोषण कानून के अन्तर्गत भी निम्नलिखित व्यक्ति भरण पोषण कक मांग कर सकते है:-

1- पत्नी अपने पति से भरण पोषण की मांग कर सकती है, (धारा 18)

2- विधवा बहू अपने ससुर से भरण पोषण की मांग कर सकती है, (धारा 19 )

3- नाबालिग बच्चे अपने माता-पिता से भरण पोषण की मांग कर सकते है, (धारा 20)

4- वृद्ध और कमजोर माता पिता भी अपने पुत्र व पुत्री से भरण पोषण की मांग कर सकते है, (धारा 20)

5- मृतकों के आश्रित मृतकों के उत्तराधिकारियों से भरण पोषण की मांग कर सकते है, (धारा 22)

ग- हिन्दू विवाह अधिनियम 1955, (धारा 24 और 25 )

हिन्दू विवाह कानून के अंतर्गत भी निम्नलिखित व्यक्ति अपने भरण पोषण की मांग कर सकते है:-

1- पत्नी अपने पति से भरण पोषण की मांग कर सकती है।

2- पति भी अपनी पत्नी से भरण पोषण की मांग कर सकता है।

नोट- धारा 25 हिन्दू विवाह अधिनियम के अन्तर्गत दिया गया भरण पोषण का आदेश बदला या समाप्त किया जा सकता है, यदि जिसके पक्ष में फैसला दिया गया हो वह दोबारा विवाह करता है, या पक्षकार जारता में रह रहा है।

घ- घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम 2005,(धारा20)

घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम 2005 के अन्तर्गत घरेलू हिंसा से पीड़ित महिला और उसके बच्चे विपक्षी पुरुष या जिसके साथ वह साझी गृहस्थी में रह रही है या रहती थी, से भरण पोषण की मांग कर सकती है।

नोट- घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाओं में से मां, पत्नी, पुत्री बहन या फिर साझी गृहस्थी में रह रही कोई भी महिला हो सकती है।

ङ- माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों के लिए भरण-पोषण और कल्याण अधिनियम 2007,

   इस अधिनियम के अन्तर्गत निम्नलिखित व्यक्ति भरण पोषण की मांग कर सकते है:-

1- सीनियर सिटीजन जैसे माता पिता या दादा दादी अपने वयस्क बच्चे या बच्चों से भरण पोषण की मांग कर सकते है।

2- निःसंतान वरिष्ठ नागरिक उस रिश्तेदार से जो नाबालिग नही है और जिसके कब्जे में वादी की संपत्ति है या वादी की मृत्यु के बाद उस सम्पति का उत्तराधिकारी है, से भरण पोषण की मांग कर सकता है।

ये है भारत मे भरण पोषण से सम्बंधित कुछ महत्वपूर्ण कानून, उम्मीद करता हूँ ये जानकारी आपके काम आएगी।

#maintenance #hindumarriageact #domesticvoilenceact #multiplemaintenancelaw #hindumaintenanceandadoptionact.

 

Call Us: 9839027055